Category: Dictionaries and lexicography
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ट्रांसपैरेंसी और भाषा का संबंध
उतराखंड के एक जनसंगठन ने यह मांग की कि उनके प्रदेश में बन रहे एक डैम के संबंध में पर्यावरण विशेषज्ञों की जो रिपोर्ट आई है वह उन्हें हिंदी में उपलब्ध कराई जाए। भारत में भूमंडलीकरण की योजना के अनुसार जिन परियोजनाओं को विकास के नाम पर शुरु किया गया उनके बारे में जनसंगठनों ने […]
अधिकवर्ष का हिंदी शब्द 2018
ऑक्सफ़ोर्ड डिक्शनरीज़ का वर्ष का हिंदी शब्द 2018है… ऑक्सफ़ोर्ड डिक्शनरीज़ का इस वर्ष का हिंदी शब्द, एक ऐसा शब्द या अभिव्यक्ति है, जो बीते हुए वर्ष की प्रकृति, मिजाज़, माहौल और मानसिकता को व्यक्त कर सकता है और इसे उसके स्थायी सांस्कृतिक महत्त्व के कारण चुना गया है. जब हमने नवम्बर 2018 में, हिंदी बोलनेवालों से […]
अधिकअभिव्यक्ति और मातृभाषा
पढ़ाई की भाषा – हिंदी या अंग्रेज़ी? हाल ही में प्राथमिक विद्यालय में नियुक्त हुए कई नौजवान अध्यापकों के बीच मैंने एक अनौपचारिक सर्वे किया और पूछा कि शुरूआती कक्षा के बच्चों को पढ़ाने का उनका क्या अनुभव है। सभी युवाओं के जवाब में एक बात सामान्य रूप से उभर कर आई कि अध्यापन की […]
अधिकअपनी रीडिंग हैबिट ठीक करें
एक हिंदी भाषी से ये कहा जाए कि वह अपनी रीडिंग हैबिट ठीक करें तो उसे इस वाक्य को समझने में उसे क्या दिक्कत हो सकती है? यानी जिससे बात की जा रही है उसके लिए अपनी शब्द का इस्तेमाल हुआ है। अपनी शब्द को हिंदी भाषी समझता है। ठीक करें यानी जिससे बात की […]
अधिकहिंदी अंग्रेज़ी और ज्ञानपीठ
यह सच है कि भारतीय संविधान ने हिंदी को आधिकारिक राजभाषा का दर्जा दिया और अंग्रेजी को महज पंद्रह साल तक कामकाज की भाषा के तौर पर इस्तेमाल की स्वीकृति दी। तब यह कहा गया था कि धीरे-धीरे अंग्रेज़ी का इस्तेमाल कम करने का प्रयास किया जाएगा। इसके अलावा कई और मान्यता प्राप्त भाषाओं की […]
अधिकअनुवाद की भाषा और दूसरे सवाल
बाज़ार ने हिंदी में जो सबसे बड़ा रोज़गार पैदा किया है वह अनुवाद का है। वैसे तो शासकीय विभागों से लेकर बैंकों तक में हिंदी के विद्यार्थियों के लिए जो पद होते हैं उनमें से अधिकांश अनुवाद से ही जुड़े हुए होते हैं लेकिन बाज़ार में जो अनुवाद का काम है उसके लिए आपको किसी […]
अधिकहिंदी और अखबारों की भूमिका
आधुनिक हिंदी को गढ़ने में अखबारों व पत्रिकाओं की एक महत्वपूर्ण भूमिका रही है। यदि सही अर्थों में कहा जाए तो ज्यों-ज्यों भारत का स्वतन्त्रता संग्राम का आन्दोलन बढ़ता गया त्यों-त्यों हिंदी का विकास होता गया।
अधिकघर की मुर्गी दाल बराबर
कृतिका अग्रवाल, ऑक्सफ़ोर्ड ग्लोबल लैंग्वेज की हिंदी भाषा विशेषज्ञ, यहाँ बात कर रही हैं हिंदी की सरलता की। हिंदी बोलने, सीखने व उपयोग में बहुत ही सरल भाषा है। हिंदी जैसे लिखी जाती है वैसे ही बोली भी जाती है जिस वजह से हिंदी सीखने वाले इसे आसानी से सीख सकते हैं व हिंदी […]
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