हिंदी शिक्षण का वैज्ञानिक तरीका
हिंदी भाषा ट्रेनर बनने के लिए दो चीज़ें बहुत आवश्यक हैं – एक विद्यार्थी जिसे भाषा सीखने की इच्छा हो और दूसरा ट्रेनर होने
का आवश्यक कौशल। बल्कि मैं यह कहूँगा कि सिर्फ
भाषा का कौशल होना काफी नहीं है (कि आपको हिंदी आती है तो आप हिंदी पढ़ा भी सकते
हैं), आपको शिक्षण पद्धति (teaching
methodology) के वैज्ञानिक तरीकों पर भी काम करना आना चाहिए। मुख्य तौर पर आपको निम्न बिन्दुओं पर प्रवीणता
होनी चाहिए :
1. सवाल (Question) – विद्यार्थी के भाषा सवालों
को समझना
2. परिकल्पना (Hypothesis) – विद्यार्थी के स्वदेशी
सांस्कृतिक कल्पना लोक में नई भाषा (जैसे कि हिंदी) के ढांचे को रखना
3. प्रयोग (Experiment) – उसकी परिकल्पना के सहारे, हिंदी के कई उदाहरण पेश करना
4. अवलोकन (Observation) – बताए गए उदाहरण को भारतीय
परिवेश में प्रकट करके, विद्यार्थी की संकल्पना की पुष्टि कराना
वैज्ञानिक संदर्भों में अन्य 2 बिंदु का भी महत्त्व होता है, जिसे
हम कहते हैं –
5. विश्लेषण
(analysis) और
6. निष्कर्ष (conclusion)
परन्तु भाषा अधिगम में विश्लेषण विद्यार्थी के स्वयं अनुभव और भाषा प्रयोग से आता है और इसी के
आधार पर वह अपना निष्कर्ष निकालता है। यह आपने भी
किया है और मैंने भी। उदाहरण के तौर पर:
मान लीजिए कि आपके भैया विदेश से आने वाले हैं और आप उनसे कुछ सामान
(जैसे कि मोबाइल) मँगाना चाहते हैं, तो आप इस वाक्य का प्रयोग करेंगे – “भैया, मेरे लिए मोबाइल ला देंगे” न कि “भैया मेरे लिए मोबाइल
लायेंगे”

पारिभाषिक तौर पर “ला देंगे” और
“लायेंगे” शब्दों का एक ही क्रिया रूप है “लाना”। परन्तु सामाजिक विश्लेषण से पहला
वाक्य “अनुरोधात्मक माँग” है और दूसरा वाक्य मुख्यतः “संदेहात्मक प्रश्न सूचक” है।
निष्कर्ष यह है कि विद्यार्थी भाषा को लेकर अपने सामाजिक विश्लेषण
(analysis) व अनुभव ख़ुद ही बनाता है, अत: यह न तो सिखाया जा सकता है न बताया
जा सकता है।
भाषा सीखने के क्या तरीके हैं?
यदि आप भाषा ट्रेनर बनने की चाह रखते हैं, तो आपको निम्न बिन्दुओं
को ख़ुद को समझाना पड़ेगा, ताकि आप समय-समय पर अपने विद्यार्थी को प्रोत्साहित कर
सकें :
1. भाषा के लक्ष्य निर्धारित करें
शोध कहता है कि जो लोग
सही प्रकार के लक्ष्य निर्धारित करते हैं उनमें सफलता प्राप्त करने की संभावना
अधिक होती है। एक नई भाषा सीखने का पहला कदम यह है कि आप जो हासिल करना चाहते हैं
उसके लिए लक्ष्य निर्धारित करें। लक्ष्य तय करना यह नहीं है कि “मैं हिंदी सीखना
चाहता हूँ” बल्कि यह है कि “इस महीने के आखिरी तक मैं हिंदी के 50 नए शब्द
सीखना चाहता हूँ”। अपने दीर्घकालिक लक्ष्यों को छोटे-छोटे अल्पकालिक लक्ष्यों में विभाजित कीजिए, और प्रत्येक सप्ताह या
महीने के लिए छोटे लक्ष्य निर्धारित करें।
2. चुनिन्दा शब्दों को सीखें
भाषा में शब्दों का महा
भण्डार होता है और सौभाग्य से आपको भाषा का वैज्ञानिक नहीं बनना परन्तु भाषा का
वाचक बनना है, अतः हिंदी के मुख्य/ शीर्ष 100 शब्दों की सूची बनाएं।
उन्हें ही समझें और उन्हें ही प्रयोग में लाएं।
3. स्मार्ट अध्ययन करें
हिंदी शब्दों को सीखते
समय अच्छे अध्ययन तकनीकों का उपयोग करें। उदाहरण के लिए, शब्दावली शब्दों को सीखने
का एक सबसे अच्छा तरीका फ्लैशकार्ड (flashcard) का उपयोग करना है। जब मैं हिंदी
पढ़ाता हूँ तो निम्न तरह के फ्लैशकार्ड का उपयोग करता हूँ :

मैंने विदेशियों को
सीखाने के लिए लगभग 500 (अंग्रेज़ी से हिंदी) फ्लैशकार्ड बनाए हैं और जल्द ही यह ऑनलाइन
मिलने लगेंगे। ध्यान रहे, “फ्लैशकार्ड पर लिखे शब्द के अर्थ का अनुमान लगाना और
फिर फ्लैशकार्ड देखना” भाषा में बहुत आत्मविश्वास बढ़ाता है।
4. पहले दिन से भाषा का
उपयोग शुरू कर दें
भाषा के उपयोग की कोई
तिथि नहीं होती, अत: इसे नियमित जीवन का हिस्सा बना लें। आपको हर पल नए शब्दों को
सीखना होगा। अपने साथ फ्लैशकार्ड ले जाएं, अपने ड्राईवर से बातें करें या बस
आवागमन के दौरान कार्ड अध्ययन करें। आप यूट्यूब (YouTube) पर जा सकते हैं और हिंदी
शोर्ट-फिल्म्स की खोज कर सकते हैं ताकि व्यवहारिक रूप में हिंदी कैसे प्रयोग हो
रही यह देख सकें।
5. जीवन के वास्तविक सन्दर्भ
तलाशें
वास्तविक सन्दर्भ की तलाश
का सबसे बेहतर उपाय है कि आप जो भी भाषा सीखना चाहते हैं, उस भाषा के क्षेत्र में
जा कर भाषा का अध्ययन करें। जैसे कि हिंदी के लिए भारत में आएं और भारतीय लोगों से
बातें करें। इससे आपके भाषा प्रयोग का कौशल भी बढ़ेगा और व्यवहारिक एवं वास्तविक परिस्थिति
भ बेहतर समझ आएंगी।