हिन्दुस्तानी बोली
“धड़कन ये ….. हौले हौले चुपके से ….. कहती है क्या उलझे हैं …. मन ऐसे इक पल में ….. ये ख़ामखा” यह पंक्तियाँ एक लघु फ़िल्म के शीर्षक गीत की हैं और इन्हें बहुत ही सुरीली धुन में बुना गया है और इस फ़िल्म का शीर्षक है – ख़ामखा। इस फ़िल्म की विचित्रता […]
अधिकहिंदी के प्रति सजग होने का दिवस है यह
पूरे देश के सभी हिंदी-भाषी लोग प्रति वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया करते हैं और इस दिन हिंदी के प्रचार-प्रसार तथा विकास के संकल्प लिया करते हैं। हमारा मन सहज ही यह पूछ सकता है कि हम सभी हिंदी भाषी सोते-जागते जिस भाषा के माध्यम से अपनी बात रखते, दूसरों की सुनते और […]
अधिकअक्षरों को मन्त्र बनाती हैं मात्राएँ
आपको तो मालूम ही होगा कि संस्कृत, हिंदी और अनेक भारतीय भाषाओं की लिपि को देवनागिरी कहा जाता है। संस्कृत ही कालांतर में विभिन्न भाषाओं-सभ्यताओं के प्रभाव में बदलते हुए हिंदी बनी। ब्रह्मर्षि वेदव्यास जी द्वारा रचित दुर्लभ ‘योगेश्वरी तंत्र’ के अनुसार इस लिपि के सारे वर्ण और अंक तत्व विज्ञान से जन्मे हैं। इन […]
अधिक