स्त्री
- 1
जोतने की क्रिया
- 2
काश्त
- 3
उतनी भूमि जितनी एक काश्तकार जोतता है
- 4
चमड़े आदि की लंबी पट्टियाँ जो घोड़ों, बैलों आदि के पार्श्वों में उनकी गर्दन से इक्के-गाड़ी, हल तक बाँधी जाती हैं
- 5
तराजू की रस्सी जिसमें पलड़े लटकते हैं
स्त्री
- 1
ज्योति, प्रकाश
जोतने की क्रिया
काश्त
उतनी भूमि जितनी एक काश्तकार जोतता है
चमड़े आदि की लंबी पट्टियाँ जो घोड़ों, बैलों आदि के पार्श्वों में उनकी गर्दन से इक्के-गाड़ी, हल तक बाँधी जाती हैं
तराजू की रस्सी जिसमें पलड़े लटकते हैं
ज्योति, प्रकाश